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स्वार्थ दुनियादारी इशारों नहीं बेदर्द भी ऐसे के बाद तेरे जाने लोग कैसे बेबस बचपन बालमन बचपन बचाओ मुझे भी जीने दो बेचारा ज्ञान भान ढंग

Hindi जीने के ढंग ऐसे भी Poems